॥ बोबडे बोल ॥

।।समान नागरी कायदा।।

याद करता हुं वो घडी
जब उसने संसद की निंव चुमी थी
भारत माता डोल उठी थी
और समुची दुनिया खुब झुमी थी

फिर लाल किले से स्वच्छ भारत
उसने हमे दिखलाया था
पुराने ऐनक से नया हिंदोस्तां
और त्याग नया सिखलाया था।।

सस्ता था इंधन बाहर दुनिया मे
मगर महंगा हम फिर भी खरीद रहे थे…
अच्छी सडके और डुबती व्यवस्था
कोशागर हम भी भर रहे थे।

ना पुछा कोइ सवाल हमने
उसने भी अभिनंदन घर लाया…
खुनी ३७० शांती से हटाई
राम मंदिर भी झोली मे आया…

खुब लुटी वाहवाही उसने
जनता भी नये कर भर रही है
पालघर मे मारे गये थे साधू
मारेकरी खुले अब भी घुम रहे है।

खंत यही सभी के दील मे
कहां गया वो चुनावी वास्ता
भ्रष्टाचारी सारे अपने घरोंमे
कहां है वो अच्छे दीन – कायदा सुव्यवस्था??

सिबीआय, ईडी – एनसीबी को
लोग दे रहै है सबुत….(खंत देखीये) x २
गुनहगार फिर भी सलाखोंके बाहर
सुव्यवस्था खुलेआम नेस्तनाबूत..।।

कुपर अस्पताल के डॉक्टर
क्या पैसा लेकर बीक गये??
क्या कीया सि बी आय – एन सी बी ने
आरोपी थे कुछ लोग तब तो आज बाहर क्यों छुट गये??

हम फिर भी चुप थे ऐ मोदी जी
जब सुशांत औ ऐंटेलिया कांड हुवा
टुट गया विश्वास जनता का…
सिबीआय, एन सि बी ने ऐसा क्या किया

आज जल रहा है बंगाल
और आप कुछ न कर पा रहे…
३०० हम ने चुन कर दिये है
वो कौनसे गीत अब गा रहे ??

समान नागरी कायदा लगाओ
अब आपको कठोर होना पडेगा…
गुनहगारोंको कडी शिक्षा करो
अब या तो आम आदमी लढेगा

या किसीपर अब इल्जाम ना लगाओ
चौराहोंसे अपनी तस्विरे भी हटाओ
या तो अब हिम्मत जुटाओ
जनता का यु ही ध्यान ना बटाओ
अब तो अपनी हिम्मत जुटाओ
समान नागरी कायदा लगाओ
समान नागरी कायदा लगाओ।।

@ संदीप बोबडे

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